‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर मनोज मुंतशिर ने पाकिस्तान से कहा ‘औकात में रहो’

पाकिस्तान पर भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को सलाम करते हुए गीतकार-लेखक मनोज मुंतशिर ने पाकिस्तान को खूब खरी-खोटी सुनाई. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक क्लिप शेयर करते हुए कहा कि कुल चार युद्ध हुए और पाक हमसे कभी जीत नहीं सका, तो मैं कह सकता हूं कि उन्हें औकात में रहना चाहिए.
इंस्टाग्राम हैंडल पर वीडियो क्लिप शेयर करते हुए मनोज मुंतशिर ने लिखा, “औकात में रहो.”
औक़ात में रहो!#OperationSindoor #JaiHind #IndianArmedForces #IndianArmy pic.twitter.com/ZXApz3RXTt — Manoj Muntashir Shukla (@manojmuntashir) May 7, 2025
वहीं, वीडियो में वह कहते नजर आए, “मैं एक बात सोचता हूं कि पाकिस्तान ने पूरे इतिहास में हमसे कुल चार युद्ध लड़े और चारों हमसे हार गए. तो वो जो मेडल लटकाए चलते हैं, वो क्या कैंडी क्रश गेम खेलकर जीते हैं? आटा मांगने के लिए लाइन लगाते हैं, लेकिन चाहिए उन्हें कश्मीर.”
पड़ोसी मुल्क पर तंज कसते हुए मुंतशिर ने उन्हें सलाह भी दे दी. उन्होंने आगे कहा, “मैं उन्हें एक मशवरा दे देता हूं कि इस दुनिया में रहने के लिए एक से बढ़कर एक जगह हैं, लेकिन अच्छा ये है कि औकात में रहो.”
इससे पहले मनोज मुंतशिर ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की तस्वीर शेयर करते हुए भारतीय सेना के शौर्य को सलाम किया. उन्होंने तस्वीर के साथ कैप्शन में लिखा, “जय हिंद, जय हिंद की सेना.”
देख लो बुज़दिल पड़ोसियों,
हिंदुस्तानी सिंदूर में पाकिस्तानी ख़ून से ज़्यादा आयरन है.
जय हिन्द,
जय हिन्द की सेना! 🫡🇮🇳
#OperationSindoor pic.twitter.com/3rYlH5fnKY — Manoj Muntashir Shukla (@manojmuntashir) May 7, 2025
देश के मुद्दों को लेकर मुखर रहने वाले मनोज मुंतशिर ने 25 अप्रैल को एक पोस्ट शेयर कर पहलगाम हमले को लेकर देशवासियों से मार्मिक अपील की थी.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो जारी करके उन्होंने लोगों से इस घटना को न भूलने की अपील की थी.
देशवासियों से अपील करते हुए मनोज मुंतशिर ने कहा था, “देशवासी जैसे मुर्शिदाबाद, दिल्ली, कोलकाता भूल गए... वैसे ही पहलगाम भी भूल जाएंगे.”
मुंतशिर ने पहलगाम हमले में अपने पति शुभम को खोने वाली एशान्या के साथ ही हमले में जान गंवाने वाले पुणे के संतोष, पिता को खोने वाले 12 वर्षीय तनुज, हमले में जान गंवाने वाले कर्नाटक के मंजूनाथ और बेंगलुरु के भारत भूषण का जिक्र किया और जघन्य आतंकवादी कृत्य पर मरने के लिए तैयार होने की चेतावनी देते हुए कहा था, "अगर हर बार की तरह इस बार भी भूल गए तो घी के कनस्तर, गेंदे और गुलाब के फूल, आम की लकड़ियां, ये सब संभाल के रखना. तुम्हारे अपनों की चिताओं को इनकी जरूरत पड़ती रहेगी, भूलना मत."
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