ऑपरेशन सिंदूर की खबर सुनकर हिमांशी नरवाल की आंखों में आए आंसू, कहा- 'मेरा पति चाहता था कि...'

Operation Sindoor: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में पति विनय नरवाल को खोने वाली हिमांशी नरवाल ऑपरेशन सिंदूर की खबर सुनकर भावुक हो गईं. उनकी आंखों में आंसू आ गए. उन्होंने सरकार से कार्रवाई नहीं रोकने की गुहार लगाई.
उन्होंने कहा, ''मेरा पति डिफेंस में था और वो जब ज्वाइन किया तो चाहता था कि देश में शांति हो. निर्दोषों की जान नहीं जानी चाहिए. इस देश में नफरत और आतंक न हो. उसका स्प्रिट इस ऑपरेशन (ऑपरेशन सिंदूर) में है. आतंकवाद और नफरत सरकार द्वारा बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.''
हिमांशी ने कहा, ''इस ऑपरेशन के लिए मैं भारत सरकार का धन्यवाद करती हूं. मैं सरकार से आग्रह करती हूं कि ये यहीं खत्म नहीं होना चाहिए, यह आतंकवाद के खात्मे की शुरुआत है, ताकि जैसी घटना मेरे साथ हुई, वैसी घटना किसी के साथ नहीं हो.''
उन्होंने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन को ऑपरेशन सिंदूर नाम दिए जाने पर कहा, ''मैं इस नाम से मैं खुद को रिलेट कर सकती हूं. मैंने एक जिंदगी खो दी है. अभी शायद किसी को नहीं पता कि, मेरे साथ क्या हो रहा है. ये नाम बहुत सही है. इस घटना की वजह से बहुत मां ने, औरतों ने अपनी जान खोई है, अपना एक हिस्सा खोया है. मैं उम्मीद करती हूं कि ऐसा ऑपरेशन करने की नौबत आगे कभी नहीं आए, ऐसा कुछ दोबारा किसी और के साथ न हो.''
ऑपरेशन की जानकारी देने के लिए सेना ने बयान जारी किया. साथ ही सरकार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. इसमें कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह मौजूद थी. दोनों महिला अधिकारियों के प्रेस ब्रीफिंग पर हिमांशी नरवाल ने कहा, ''महिला ही महिला को ज्यादा रिलेट कर सकती हैं. बाप ने बेटे को खोया है, भाई ने भाई को खोया है, उनका काफी दर्द है. औरत ही औरत का बदला ले सकती है. ये बहुत अच्छी बात है. ये अच्छी बात है कि महिला अधिकारी को मौका दिया गया है. मैं उम्मीद करती हूं कि सुरक्षाबलों में महिला और पुरुष की बराबर की भागीदारी होगी.''
जो लोग मारे गए हैं, उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए. मेरे पति को सर्वोच्च सम्मान मिलना चाहिए.
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