स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से मुंबई तक राज्यों को कैसे बदल देगा हाई-स्पीड कॉरिडोर? बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के ये फायदे

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना में 20 सितंबर को ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज हुई. शीळफाटा से घणसोली तक लगभग 4.9 किलोमीटर लंबी टनल का काम पूरा हो गया है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि महाराष्ट्र में ठाकरे सरकार के दौरान जो देरी हुई थी, अब उसमें तेजी लाई जा रही है और परियोजना की रफ्तार दोगुनी हो गई है.
अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि इस टनल को कंट्रोल ब्लास्टिंग और न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग पद्धति (NATM) से बनाया गया है. यह 21 किलोमीटर लंबे समुद्र के नीचे के टनल का हिस्सा है, जिसमें ठाणे खाड़ी के नीचे 7 किलोमीटर का मार्ग भी शामिल है.
उनके अनुसार 320 किलोमीटर का ब्रिज पोर्शन पूरा हो चुका है और नदियों पर पुल भी तेजी से बन रहे हैं. बुलेट ट्रेन की सेवा पिक आवर में हर आधे घंटे में उपलब्ध होगी और सबसे खाल बात ये है कि इसमें कोई आरक्षण की बाध्यता नहीं होगी. उन्होंने कहा कि 'आप आइए और टिकट लेकर ट्रेन पकड़ लीजिए'.
परियोजना का दायरा और राज्यों को फायदा
मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर भारत की पहली हाई-स्पीड रेल परियोजना है. यह 508 किलोमीटर लंबी है और 2028 तक पूरी होने की उम्मीद है. महाराष्ट्र को इससे आर्थिक विकास, तेज यात्रा, नई नौकरियां और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. ठाणे और वसई-विरार जैसे क्षेत्रों में लगभग 20,000 प्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होंगी. गुजरात में औद्योगिक उन्नति, सूरत के हीरा कारोबार को तेजी, और कृषि उत्पादों के ताजे निर्यात से किसानों की आय बढ़ने की उम्मीद है.
दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन और दीव को बढ़त
यह कॉरिडोर दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन और दीव को भी जोड़ेगा. इससे क्षेत्रीय उद्योगों को मुंबई बाजार से सीधी पहुंच मिलेगी और विदेशी निवेश आकर्षित होगा. बिलिमोरा स्टेशन के आसपास पर्यटन और नौकरियों के 5,000+ अवसर बनने की उम्मीद है. बेहतर कनेक्टिविटी से स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाओं तक पहुंच आसान होगी और जीवन स्तर सुधरेगा. अश्विनी वैष्णव ने कहा कि बुलेट ट्रेन भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर और आर्थिक विकास की दिशा में बड़ा कदम है.
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