यूपी के गन्ना किसानों की आमदनी को दोगुना करने की तैयारी, जानें क्या है सीएम योगी की योजना

Lucknow News: उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने गन्ना उत्पादन और किसानों की आमदनी को दोगुना करने की दिशा में एक ठोस कार्ययोजना पर तेजी से काम शुरू कर दिया है. इससे न सिर्फ गन्ना उत्पादन में बढ़ोत्तरी हो रही है, बल्कि किसान अब ज्यादा लाभ भी कमा रहे हैं.
प्रदेश में करीब 50 लाख किसान परिवार गन्ने की खेती से जुड़े हुए हैं. उनके हितों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने गन्ने की पैदावार, क्षेत्रफल, चीनी की गुणवत्ता और मिलों की कार्यक्षमता बढ़ाने पर जोर दिया है. पिछले कुछ वर्षों में प्रदेश में चीनी मिलों का आधुनिकीकरण, सल्फर मुक्त चीनी का उत्पादन, नई डिस्टिलरी यूनिट्स और को-जेनरेशन प्लांट्स लगाए गए हैं.
2017 से पहले गन्ना किसानों को समय पर भुगतान नहीं मिल पाता था, जिससे किसान आर्थिक रूप से परेशान रहते थे. योगी सरकार ने आते ही इसे प्राथमिकता दी और आज परिणाम सबके सामने है. सरकार अब तक 2,85,994 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुकी है, जो 1995 से 2017 तक किए गए 2.13 लाख करोड़ रुपये से 72,000 करोड़ रुपये ज्यादा है. साल 2024-25 के लिए तय भुगतान का 83.8% हिस्सा पहले ही किसानों को मिल चुका है.
गन्ने की खेती का दायरा 44% बढ़ा
भुगतान की पारदर्शी और समयबद्ध प्रक्रिया की वजह से किसानों का भरोसा गन्ना खेती में और बढ़ा है. 2016-17 में जहां गन्ने की खेती का क्षेत्रफल 20.54 लाख हेक्टेयर था, वो अब बढ़कर 29.51 लाख हेक्टेयर हो गया है. इस दौरान प्रति हेक्टेयर उत्पादन भी 72.38 टन से बढ़कर 84.10 टन तक पहुंच गया.
एथेनॉल उत्पादन में उत्तर प्रदेश नंबर-1
गन्ने से बनने वाला एथेनॉल आज देश की ऊर्जा सुरक्षा और किसानों की आय बढ़ाने का जरिया बन गया है. प्रदेश की 102 डिस्टिलरियों से 2023-24 में 150 करोड़ लीटर से ज्यादा एथेनॉल का उत्पादन हुआ. सरकार निजी निवेश से 6,771 करोड़ रुपये की लागत से और 105 करोड़ लीटर की क्षमता जोड़ रही है. इससे किसानों की आमदनी और बढ़ेगी.
करीब 10 लाख लोगों को मिला रोजगार
प्रदेश में फिलहाल 45 जिलों में 122 चीनी मिलें, 236 खांडसारी इकाइयां, 8,707 कोल्हू, 65 को-जेनरेशन प्लांट्स और 44 डिस्टिलरी यूनिट्स सक्रिय हैं. इन इकाइयों से करीब 9.81 लाख लोगों को रोजगार मिला हुआ है.
कोरोना काल में भी नहीं थमी थी चीनी मिलों की रफ्तार
जब कोरोना के दौरान देश के कई राज्यों में चीनी मिलें बंद हो गई थीं, तब यूपी में एक भी मिल नहीं रुकी. मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी मिलें पूरी क्षमता से चलीं, जिससे किसानों को कोई नुकसान नहीं हुआ. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य है. यहां हर साल लगभग 1000 लाख टन से ज्यादा गन्ने का उत्पादन होता है. ऐसे में सरकार की यह नीति प्रदेश को ‘गन्ना उत्पादन की राजधानी’ बनाए रखने में अहम भूमिका निभा रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद इस पूरे अभियान की निगरानी कर रहे हैं और उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि अगले कुछ सालों में गन्ने का उत्पादन और किसानों की आमदनी दो गुनी होनी चाहिए.
What's Your Reaction?






