सस्पेंडेड IAS पूजा खेडकर के परिवार से जुड़ा बड़ा खुलासा, किडनैपिंग केस में ड्राइवर गिरफ्तार

नवी मुंबई पुलिस ने फर्जी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर के अपहरण मामले में पहली बड़ी कार्रवाई की है. पुलिस ने आरोपी ड्राइवर प्रफुल सालुंखे को धुले से गिरफ्तार किया है. दिलीप खेडकर और प्रफुल सालुंखे पिछले छह दिनों से फरार थे.
नवी मुंबई पुलिस की तीन टीमें वर्तमान में दिलीप खेडकर को खोजने में लगी हैं. यह कार्रवाई इस मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ मानी जा रही है क्योंकि इससे अपहरण के रहस्य के कई पहलू उजागर होने की संभावना है.
क्या है पूरा मामला?
मुंबई में एक मामूली से सड़क दुर्घटना घटी जिसमें रजिस्ट्रेशन नंबर MH 12 RP 5000 वाला एक लैंड क्रूजर और एक सीमेंट मिक्सर ट्रक आमने-सामने टकरा गए. आरोप है कि दुर्घटना के बाद वाहन से उतरे दो अज्ञात लोगों ने ट्रक के हेल्पर प्रह्लाद कुमार को जबरन वाहन में डाल कर फरार हो गए. ट्रक चालक ने तुरंत घटना की सूचना अपने मालिक विलास ढेंगरे को दी और रबाले पुलिस स्टेशन में अपहरण की शिकायत दर्ज कराई. शिकायत के बाद पुलिस ने तुरंत लैंड क्रूजर की तलाश शुरू कर दी, जो अंततः पुणे के बाणेर इलाके में एक बंगले के सामने खड़ा पाया गया.
पिता और बेटी की गायब होने की गुत्थी
जांच में सामने आया कि बंगला बर्खास्त आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर के पिता दिलीप खेडकर का था. दिलीप और मनोरमा खेडकर पुणे स्थित अपने बंगले में अचानक गायब हो गए थे और अपने मोबाइल फोन भी साथ नहीं ले गए थे. पुलिस ने उनके घर से पूजा खेडकर का पुराना मोबाइल फोन जब्त किया है, जबकि दिलीप और मनोरमा खेडकर के फोन अभी तक नहीं मिले हैं. रबाले में हुए हादसे में उनकी लैंड क्रूजर कार नंबर 5000 को छोड़कर सभी कारें बंगले में ही पाई गईं. पुलिस के अनुसार, मनोरमा खेडकर उसी कैब से फरार हुई थीं.
पुलिस जब बंगले में जांच के लिए पहुंची, तो दिलीप खेडकर की पत्नी मनोरमा खेडकर ने दरवाजा खोलने से इनकार कर दिया. इसके साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि घर के कुत्तों को पुलिस पर छोड़ दिया गया. हालांकि, कुछ समय बाद ट्रक का हेल्पर प्रह्लाद कुमार पुलिस के हवाले कर दिया गया. इस बीच दिलीप खेडकर के किसी अन्य मार्ग से भाग जाने की भी जानकारी सामने आई है.
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