Mandi Landslide: भारी बारिश ने फिर मचाई तबाही! मंडी में 10 फीट पानी, आधा दर्जन लापता, बसें-घर डूबे, कहीं लैंडस्लाइड से सड़कें बंद

हिमाचल प्रदेश के मंडी में एक बार फिर कुदरत ने कहर बरपाया है. भारी बारिश ने मंडी जिले के धर्मपुर बस स्टैंड पर पानी करीब 10 फीट तक भर गया, जिससे आसपास के घरों को भी नुकसान हुआ है. स्थानीय बीजेपी नेता रजत ठाकुर ने बताया कि 6 लोग लापता हैं और प्रशासन उन्हें ढूंढने में जुटा हुआ है.
भारी बारिश के कारण सोन खड्ड (नाला) ओवरफ्लो होकर शहर में घुस गया, जिससे कई घरों की पहली मंजिल तक पानी भर गया. बीती रात से ही बारिश के चलते स्थानीय लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया और प्रशासन ने राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी दिखाई.
बसें समेत कई निजी वाहन पानी में बहे
मंडी जिले के धर्मपुर और सरकाघाट उपमंडलों में बारिश इतनी तेज हुई कि सोन खड्ड ने विकराल रूप धारण कर लिया. धर्मपुर बस स्टैंड में खड़ी सरकारी एचआरटीसी बसें और कई निजी वाहन पानी में बह गए. स्थानीय होस्टल में 150 बच्चों को दूसरी और तीसरी मंजिल पर जाकर सुरक्षित होना पड़ा. डीएसपी धर्मपुर संजीव सूद ने बताया कि पुलिस और रेस्क्यू टीमों ने रातभर राहत कार्य जारी रखा. हालांकि अब तक किसी प्रकार के निश्चित जानी नुकसान की सूचना नहीं है, लेकिन कई घर, दुकानें और वाहन मलबे की चपेट में आए हैं. प्रशासन और पुलिस टीमें स्थिति का निरंतर जायजा ले रही हैं.
शिमला में लैंडस्लाइड से कई सड़के बंद
उधर, शिमला के हिमलैंड क्षेत्र में भी भारी लैंडस्लाइड हुआ, जिससे कई वाहन मलबे के नीचे दब गए. इस वजह से सर्कुलर रोड, जो शिमला की मुख्य जीवनरेखा है, बंद हो गई और लोगों की आवाजाही बुरी तरह प्रभावित हुई. शिमला के बीसीएम क्षेत्र में भी पेड़ उखड़ने और लैंडस्लाइड की वजह से कुछ गाड़ियों को नुकसान हुआ. मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने बिलासपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले तीन दिनों तक बारिश की तीव्रता कम होने की संभावना है, लेकिन मानसून के पूरी तरह जाने के कोई संकेत अभी नहीं हैं.
अभी तक कितना असर हुआ?
हिमाचल प्रदेश में मानसून की इस बार की बरसात से अब तक भारी नुकसान हुआ है. प्रदेश में 409 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, 473 लोग घायल हुए हैं और 41 अभी भी लापता हैं. राज्य में कुल आर्थिक नुकसान लगभग 4,504 करोड़ रुपये का हुआ है. 3 राष्ट्रीय राजमार्गों समेत 500 से अधिक सड़कें बंद हैं. 400 से अधिक विद्युत ट्रांसफार्मर और 200 से अधिक जल योजनाएं ठप्प पड़ी हैं. यह स्थिति मंडी, शिमला और आसपास के जिलों में जीवन और यातायात दोनों को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है. प्रशासन लगातार राहत एवं बचाव कार्य में जुटा हुआ है और स्थानीय लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है.
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