वक्फ संशोधन कानून के कुछ प्रावधानों पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने किया स्वागत

Sep 15, 2025 - 15:50
 0
वक्फ संशोधन कानून के कुछ प्रावधानों पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने किया स्वागत

वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले पर आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने प्रतिक्रिया दी है. वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने समर्थन किया है.

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने अपने बयान में कहा है कि हमें सुप्रीम कोर्ट से इस तरह के फैसले की उम्मीद थी. अब वक्फ की जमीनों पर भू माफिया के कब्जे हटेंगे, उससे होने वाली आमदनी गरीब व कमजोर मुसलमानो के उत्थान के लिए खर्च की जाएगी.

कोर्ट ने क्या कहा है?

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने आज 15 सितंबर 2025 को वक्फ संशोधन कानून-2025 जारी विवाद पर सुनवाई की, जिसके बाद कोर्ट ने इस पर फैसला सुनाया है. इस दौरान कोर्ट ने कुछ प्रमुख प्रावधानों पर रोक लगाई है. कोर्ट ने कहा है कि कानून पर रोक केवल दुर्लभ से दुर्लभतम मामलों में ही लग सकती है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य वक्फ बोर्डों और केंद्रीय वक्फ परिषदों में गैर-मुस्लिम सदस्यों की संख्या तीन से अधिक नहीं हो सकती.

वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

आपको बता दें कि वक्फ संशोधन कानून 2025 में प्रावधान था कि पांच साल से ज्यादा समय तक इस्लाम धर्म का पालन करने वाले ही वक्फ बोर्ड के सदस्य बन सकता है, अब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है. अदालत ने कहा, जब तक राज्य सरकारें इस संदर्भ में कोई उचित नियम नहीं बना लेती, तब तक वक्फ बोर्ड का सदस्य बनने के लिए यह शर्त लागू नहीं होगी.

वहीं वक्फ संशोधन कानून 2025 में प्रावधान किया गया था कि वक्फ बोर्ड के 11 सदस्यों में गैर-मुस्लिम सदस्य भी शामिल होंगे. इस पर कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि वक्फ बोर्ड में 3 से ज्यादा गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं हो सकते हैं. वहीं, केंद्रीय वक्फ परिषद में भी 4 से ज्यादा गैर-मुस्लिम सदस्य शामिल नहीं होंगे. कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर मुमकिन हो तो किसी मुस्लिम सदस्य को ही बोर्ड का सीईओ बनाया जाना चाहिए.

वक्फ (संशोधन) कानून 2025 के अनुसार, वक्फ बोर्ड जिस भी संपत्ति पर अतिक्रमण करेगा, वो संपत्ति सरकारी है या नहीं? यह तय करने का अधिकार जिला कलेक्टर के पास था. अदालत ने अब इस पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा कि जिला कलेक्टर को नागरिकों के व्यक्तिगत अधिकारों पर फैसला लेने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. यह शक्तियों के पृथक्करण का उल्लंघन होगा.

What's Your Reaction?

Like Like 0
Dislike Dislike 0
Love Love 0
Funny Funny 0
Angry Angry 0
Sad Sad 0
Wow Wow 0
Barwara Patrika Barwara Patrika is a Hindi newspaper published and circulated in Jaipur , Ajmer , Sikar, Kota and Sawaimadhopur . Barwara Patrika covers news and events all over from India as well as international news, it serves the Indian community by providing relevant information.