वक्फ संशोधन कानून पर रोक से सुप्रीम कोर्ट ने मना किया, सिर्फ कुछ प्रावधानों पर लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने पूरे संशोधित वक्फ कानून पर रोक लगाने से मना कर दिया है. कोर्ट ने कानून के कुछ प्रावधानों पर रोक लगाई है. उन्हें छोड़ कर बाकी कानून को लागू करने का रास्ता साफ हो गया है. कोर्ट ने जिन बातों पर रोक लगाई है उनमें संपत्ति वक्फ करने के लिए कम से कम 5 साल मुस्लिम होने की शर्त सबसे अहम है. वहीं कोर्ट ने वक्फ संपत्ति का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने वाले प्रावधान पर रोक लगाने से मना कर दिया है. कोर्ट ने यह भी कहा है कि अब बिना वैध वक्फ डीड के संपत्ति का रजिस्ट्रेशन नहीं हो सकेगा।
चीफ जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने 22 मई को मामले पर आदेश सुरक्षित रखा था. याचिकाकर्ताओं ने संशोधित वक्फ कानून को मुसलमानों के धार्मिक मामलों में दखल बताया था. याचिकाकर्ता पक्ष ने मुख्य रूप से इन बातों का विरोध किया था :-
- वक्फ बाय यूजर को मान्यता न देना
- वक्फ संपत्ति के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य बनाना
- सरकार के साथ विवाद में सरकारी अधिकारी को सुनवाई का अधिकार देना
- वक्फ बोर्ड में गैर मुस्लिमों को सदस्य बनाना
- प्राचीन स्मारकों में धार्मिक गतिविधि में समस्या की आशंका
- वक्फ करने के लिए 5 साल तक मुस्लिम होने की शर्त
- आदिवासी जमीन पर वक्फ बोर्ड को दावे से रोकना
इनमें से ज्यादातर बिंदुओं पर कोर्ट सहमत नहीं हुआ है. हालांकि, कुछ मुद्दों पर कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को राहत दी है. कोर्ट के आदेश के मुख्य बिंदु यह हैं :-
- पूरे कानून पर रोक नहीं
- संपत्ति रजिस्ट्रेशन के प्रावधान पर रोक नहीं
- वक्फ बाय यूजर को मान्यता न देने का प्रावधान मनमाना नहीं कहा जा सकता क्योंकि एक्ट में साफ लिखा है कि यह प्रावधान भविष्य से लागू होगा. पिछली तारीख से नहीं
- वक्फ के लिए 5 साल मुस्लिम होने की शर्त पर रोक
- जनजाति वर्ग की जमीनों को संरक्षण देने वाले प्रावधान पर रोक नहीं
- संरक्षित स्मारकों के वक्फ न होने के प्रावधान पर रोक नहीं. कोर्ट ने इस दलील में वजन नहीं पाया कि इसके चलते धार्मिक गतिविधियों पर असर पड़ेगा
- सरकार के साथ विवाद की स्थिति में राजस्व अधिकारी को विचार की शक्ति देने पर रोक. फैसला ट्रिब्यूनल और हाई कोर्ट लेंगे.
- जिन संपत्तियों को लेकर विवाद, उनमें हाई कोर्ट का फैसला आने तक कोई थर्ड पार्टी राइट नहीं बनेगा
- पुराने वक्फ कानून की धारा 108 A (वक्फ एक्ट को दूसरे कानूनों से ऊंची स्थिति देने वाला प्रावधान) को हटाना गलत नहीं
- सेंट्रल वक्फ काउंसिल में 4 गैर मुस्लिम, राज्य वक्फ बोर्ड में 3 गैर मुस्लिम. प्रयास हो कि वक्फ बोर्ड के सीईओ किसी मुस्लिम को ही बनाया जाए
ध्यान रहे कि यह सिर्फ अंतरिम आदेश है. वक्फ संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर बाद में विस्तृत सुनवाई होगी. कोर्ट ने यही माना है कि बिना ऐसा किए संसद से पारित पूरे कानून पर रोक लगा देना सही नहीं होगा. कोर्ट ने वक्फ संशोधन कानून के ज्याजातर प्रावधानों को प्रथमदृष्टया सही माना है. कुछ बातों पर रोक लगाई है या बदलाव किया है. ऐसे में कुछ बिंदुओं को छोड़ कर बाकी वक्फ संशोधन कानून के लागू होने में कोई अड़चन नहीं है.
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