स्विटजरलैंड ने ऐसा क्या कह दिया? भारत ने UNHRC में जमकर धोया, पाकिस्तान को भी लगाई लताड़, बोला- हमें कुछ नहीं सुनना

भारत ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में स्विट्जरलैंड को जवाब देते हुए देश में अल्पसंख्यकों संग व्यवहार पर स्विस प्रतिनिधिमंडल की टिप्पणियों को आश्चर्यजनक, सतही और अज्ञानतापूर्ण बताया. जिनेवा में बुधवार (10 सितंबर, 2025) को मानवाधिकार परिषद के 60वें सत्र में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त के आरोपों पर भारत की ओर से जवाब दिया.
भारत की ओर से जवाब देते हुए स्थायी मिशन के काउंसलर क्षितिज त्यागी ने स्विस बयान को खारिज करते हुए कहा कि चूंकि स्विट्ज़रलैंड संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) की अध्यक्षता कर रहा है, इसलिए उसके लिए यह और भी ज़रूरी है कि वह परिषद का समय ऐसे झूठे और भारत की वास्तविकता के साथ न्याय न करने वाले बयानों पर बर्बाद करने से बचे. इसके बजाय उसे नस्लवाद, भेदभाव और विदेशी-द्वेष जैसी अपनी चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
यूएनएचआरसी में पाकिस्तान को भारत का कड़ा जवाब
भारत ने बहस के दौरान इस्लामाबाद द्वारा की गई टिप्पणियों के बाद पाकिस्तान को भी जवाब दिया. त्यागी ने पाकिस्तान पर राजनीतिक दुष्प्रचार के लिए परिषद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया और भारत के इस रुख को दोहराया कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित करता है.
#WATCH | At the 5th Meeting- 60th Session of Human Rights Council, Indian Diplomat Kshitij Tyagi says, "We would also like to respond to the surprising, shallow and ill-informed remarks made by Switzerland, a close friend and partner. As it holds the UNHRC presidency, it is all… pic.twitter.com/22R1vRJg67 — ANI (@ANI) September 10, 2025
त्यागी ने सदन को बताया कि हम एक बार फिर उस देश के उकसावे का जवाब देने के लिए बाध्य हैं, जिसके अपने नेतृत्व ने हाल ही में इसकी तुलना 'डंप ट्रक' से की थी, जो शायद अनजाने में उस देश के लिए उपयुक्त है जो इस प्रतिष्ठित परिषद के समक्ष बार-बार झूठ और घिसे-पिटे दुष्प्रचार को दोहराता रहता है.
हमें आतंकवाद के प्रायोजक से कुछ नहीं सुनना- त्यागी
उन्होंने पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूहों से जुड़े कई आतंकवादी हमलों का जिक्र किया, जिसमें पुलवामा, उरी, पठानकोट, मुंबई और हाल ही में अप्रैल में हुए पहलगाम हमले का हवाला दिया गया. त्यागी ने कहा कि हमें आतंकवाद के प्रायोजक से कुछ नहीं सुनना है. अल्पसंख्यकों पर अत्याचार करने वाले से कोई उपदेश नहीं चाहिए, हमें ऐसे राज्य से कोई सलाह नहीं चाहिए जिसने अपनी विश्वसनीयता ही खो दी है.
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