झारखंड: चाईबासा में 10 लाख का इनामी नक्सली जोनल कमांडर अमित हांसदा ढेर, एक हथियार बरामद

झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा में रविवार सुबह सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई. इस दौरान कुख्यात नक्सली जोनल कमांडर अमित हांसदा उर्फ अपटन को कोबरा जवानों ने मार गिराया. पुलिस ने बताया कि हांसदा पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित था और उसकी लंबे समय से तलाश की जा रही थी. मुठभेड़ स्थल से एक हथियार भी बरामद किया गया है.
जानकारी के अनुसार, सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन के जवान इलाके में नक्सल विरोधी अभियान पर निकले थे. उसी दौरान नक्सलियों ने घात लगाकर सुरक्षाबलों पर हमला किया. अचानक हुए इस हमले के जवाब में जवानों ने मोर्चा संभालते हुए ताबड़तोड़ फायरिंग की. दोनों ओर से कई राउंड गोलियां चलीं और मुठभेड़ कुछ समय तक जारी रही. जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने एक नक्सली को ढेर कर दिया, जिसकी पहचान बाद में अमित हांसदा के रूप में हुई.
अमित हांसदा की नक्सली गतिविधियों में अहम भूमिका
पश्चिमी सिंहभूम जिला के एसपी राकेश रंजन के मुताबिक, अमित हांसदा संगठन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था और लंबे समय से पश्चिमी सिंहभूम समेत झारखंड के कई इलाकों में नक्सली गतिविधियों को संचालित कर रहा था. वह नक्सली संगठन का जोनल कमांडर था और सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ था. सरकार ने उसकी गिरफ्तारी के लिए पहले ही 10 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था.
इलाके में अभी भी सर्च ऑपरेशन जारी- पारस राणा
पश्चिमी सिंहभूम के पुलिस अधीक्षक (अभियान) पारस राणा ने मुठभेड़ की पुष्टि करते हुए कहा कि यह सुरक्षाबलों के लिए बड़ी सफलता है. उन्होंने बताया कि इलाके में अभी भी सर्च ऑपरेशन जारी है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई अन्य नक्सली भागकर आसपास के गांवों या जंगलों में न छिप सके. सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया है और व्यापक तलाशी अभियान चलाया जा रहा है.
ग्रामीणों में फैली हलचल और मिली राहत
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि मुठभेड़ की खबर फैलते ही आसपास के गांवों में हलचल मच गई. ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है क्योंकि पिछले लंबे समय से नक्सलियों के डर से वे दहशत में जी रहे थे. सुरक्षाबलों की कार्रवाई से उन्हें उम्मीद जगी है कि इलाके से नक्सली गतिविधियों पर और कड़ा अंकुश लगेगा.
नक्सल विरोधी अभियानों में तेजी
झारखंड पुलिस और केंद्रीय बलों ने हाल के महीनों में नक्सल विरोधी अभियानों को तेज कर दिया है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि ऐसे ऑपरेशनों से नक्सलियों की ताकत लगातार कमजोर हो रही है और संगठन की कमर टूट रही है. अमित हांसदा जैसे बड़े नक्सली कमांडर के मारे जाने से यह स्पष्ट है कि सुरक्षा बल नक्सली उन्मूलन की दिशा में लगातार सफलताएं दर्ज कर रहे हैं.
यह मुठभेड़ न केवल सुरक्षा बलों की सतर्कता का उदाहरण है बल्कि सरकार की नक्सल उन्मूलन रणनीति की सफलता का भी संकेत देती है। इलाके में चल रहा सर्च अभियान आने वाले दिनों में और भी नतीजे दे सकता है.
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