Himachal Pradesh: हजारों सरकारी कर्मचारियों की सैलरी पर बड़ा झटका, सुक्खू सरकार ने पलटा यह फैसला

हिमाचल प्रदेश के हजारों सरकारी कर्मचारियों को सुक्खू सरकार ने बड़ा वित्तीय झटका दिया है. 2022 में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार कर्मचारियों की सैलरी में बढ़ोतरी की गई थी, जिससे लाखों कर्मचारियों को फायदा हुआ था. लेकिन अब सुक्खू सरकार ने उस राइडर की अधिसूचना को वापस ले लिया है और नए सिरे से सैलरी फिक्स करने के आदेश जारी किए हैं. इस फैसले के बाद कर्मचारियों की सैलरी में 10 से 20 हजार रुपये तक की कटौती हो सकती है.
क्यों हुआ फैसला
सरकार ने कहा है कि नई अधिसूचना के तहत सैलरी को ठीक किया जाएगा, ताकि वेतन संरचना में सुधार हो सके. हालांकि, जिन कर्मचारियों को पहले लाभ मिल रहा था, उनसे कोई रिकवरी नहीं की जाएगी. लेकिन 89 श्रेणियों के कर्मचारियों को इस फैसले से नुकसान उठाना पड़ेगा.
फैसले के बाद कर्मचारियों में नाराजगी
इस फैसले के बाद कर्मचारियों में नाराजगी है. सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन ने तत्काल इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है. संगठन ने सोमवार को मुख्यमंत्री से मुलाकात करने का निर्णय लिया है. संगठन का कहना है कि यह कदम कर्मचारियों के हित में नहीं है और इससे सरकारी सेवकों की आर्थिक स्थिति पर बड़ा असर पड़ेगा.
हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी संगठन ने आपातकालीन बैठक बुलाई. बैठक में तय हुआ कि 8 सितंबर को संगठन के प्रतिनिधि प्रधान सचिव (वित्त), मुख्य सचिव और मुख्यमंत्री से मिलकर सरकार से अधिसूचना को तुरंत वापस लेने का आग्रह करेंगे. संगठन का कहना है कि कर्मचारियों की मेहनत की कमाई पर कोई भी नुकसान अस्वीकार्य है.
आर्थिक संकट का करना पड़ेगा सामना
कर्मचारियों का कहना है कि 2022 में मिली सैलरी बढ़ोतरी उनके लिए राहत का काम कर रही थी. अचानक अधिसूचना वापस लेने से वे आर्थिक संकट का सामना कर सकते हैं. संगठन ने सरकार से अपील की है कि वह कर्मचारियों के हित को ध्यान में रखते हुए इस फैसले पर पुनर्विचार करे.
8 सितंबर को होने वाली बैठक में मुख्यमंत्री और वित्त विभाग के अधिकारियों से इस मसले पर चर्चा होगी. कर्मचारियों और संगठन की उम्मीद है कि सरकार जल्द ही इस फैसले को वापस लेकर उनकी सैलरी में कटौती रोक देगी.
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