थिएटर कमांड बनाने पर थलसेना प्रमुख ने किया एयर फोर्स चीफ का काउंटर, बोले- ‘यूनिटी ऑफ कमांड है बेहद जरूरी’

भारतीय थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शनिवार (6 सितंबर, 2025) को थिएटर कमांड के पक्ष में बयान देते हुए साफतौर से कहा है कि ये बेहद जरूरी है और आज या कल बनकर ही रहेगी. जनरल द्विवेदी का बयान भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने थिएटर कमांड बनाए जाने का विरोध किया था.
देश की राजधानी दिल्ली में ऑपरेशन सिंदूर पर लिखी एक पुस्तक के विमोचन से इतर, थलसेना प्रमुख ने मीडिया से ऑन-कैमरा से बातचीत करते हुए कहा कि थिएटर कमांड तो बनेंगी ही. क्योंकि इसकी बेहद जरूरत है. जनरल द्विवेदी ने ये भी समझाया कि थिएटर कमांड की जरूरत क्यों है.
थलसेना प्रमुख ने थिएटर कमांड की जरूरत के बारे में दी जानकारी
थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के मुताबिक, "आज के समय में लड़ाई सिर्फ सेना ही नहीं लड़ती बल्कि लड़ाई में बीएसएफ, आईटीबीपी, इसरो, सिविल एविएशन, रेलवे और इंटेलिजेंस एजेंसियों की भी भागीदारी होती है. ऐसे में यूनिटी ऑफ कमांड बेहद जरूरी है. इसलिए देश को एक ऐसे (टॉप) कमांडर की जरूरत है, जो सभी को दिशा-निर्देश दे सके."
दुनिया की टॉप सेनाओं के तर्ज पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश की सेनाओं (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) की साझा और एकीकृत कमांड बनाने पर जोर दिया है. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने साल 2024 के अपने चुनावी घोषणा-पत्र तक में थिएटर कमांड बनाने का लक्ष्य रखा है.
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) का पद भी इसलिए साल 2019 में बनाया गया था ताकि थिएटर कमांड बनाने की प्रक्रिया आसान की जा सके. मौजूदा CDS जनरल अनिल चौहान और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी भी देश में थिएटर कमांड बनाने के पक्ष में हैं.
थियटर कमांड को लेकर क्या बोले वायुसेना प्रमुख
हालांकि, वायुसेना प्रमुख ने थिएटर कमांड बनाने को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. पिछले महीने इंदौर के महू स्थित आर्मी वॉर कॉलेज में आयोजित रण-संवाद कार्यक्रम में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने थिएटर कमांड बनाने के बजाए CDS और सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के कंधों पर ही ऑपरेशनल जिम्मेदारी बनाए रखने की वकालत की थी.
थिएटर कमांड बनने से बंट जाएगी एयर फोर्स की ताकत
वायुसेना प्रमुख का मानना है कि एयर फोर्स के पास फाइटर जेट और दूसरे मिलिट्री विमान बेहद कम हैं. अगर थिएटर कमांड बनाए गई तो एयर फोर्स की ताकत बांटने की चुनौती सामने आएगी. अभी देश में थलसेना, वायुसेना और नौसेना की अलग-अलग 17 कमांड हैं. इसके अलावा तीन (03) साझा कमांड हैं. लेकिन रक्षा क्षेत्र में सुधार के तहत, जब थलसेना, वायुसेना और नौसेना की साझा कमान बनेंगी, तब महज 4-5 कमांड ही रह जाएंगी.
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