Mughal Emperor Akbar: जब अकबर ने फतह कर लिया गुजरात, जीत की खुशी में बनवा डाला बुलंद दरवाजा

Sep 2, 2025 - 11:45
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Mughal Emperor Akbar: जब अकबर ने फतह कर लिया गुजरात, जीत की खुशी में बनवा डाला बुलंद दरवाजा

आगरा की पहचान सिर्फ ताजमहल तक सीमित नहीं है. यहां का फतेहपुर सीकरी भी इतिहास का अहम हिस्सा है. कभी यह मुगलों की राजधानी हुआ करता था और आज यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में प्रसिद्ध है. यहां का बुलंद दरवाजा सबसे प्रमुख आकर्षण है, जो आगरा आने वाले हर पर्यटक की लिस्ट में शामिल रहता है.  2 सितंबर को अकबर ने गुजरात विजय हासिल की थी. मुगल सम्राट अकबर ने 1573 में गुजरात पर कब्ज़ा कर लिया था, जिससे यह मुगल साम्राज्य का हिस्सा बन गया. 

साल 1602 ई. में बादशाह अकबर ने गुजरात पर विजय की याद में बुलंद दरवाजे का निर्माण करवाया. इसे पूरा होने में लगभग 12 साल का समय लगा. लाल बलुआ पत्थरों से बने इस दरवाजे में हिंदू और फारसी वास्तुकला की झलक देखने को मिलती है. दरवाजे के स्तंभों पर कुरान की आयतें और बाइबिल की पंक्तियां उकेरी गई हैं, जो इसे धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक भी बनाती हैं.

बुलंद दरवाजे की वास्तुकला
बुलंद दरवाजे की ऊंचाई 53.63 मीटर है. इसकी चौड़ाई 35 मीटर है. गेट तक पहुंचने के लिए बनाई गईं 42 सीढ़ियां यह दरवाजा सीधे जामा मस्जिद और आंगन की ओर खुलता है. इतनी ऊंचाई से पूरा फतेहपुर सीकरी शहर और आसपास का नजारा देखने को मिलता है.

क्यों खास है बुलंद दरवाजा?
यह दुनिया के सबसे ऊंचे दरवाजों में से एक है. अकबर की धार्मिक दृष्टि और कला की श्रेष्ठता को दर्शाता है. 400 साल बाद भी इसकी मजबूती और भव्यता पर्यटकों को हैरान करती है. इतिहास, संस्कृति और वास्तुकला का संगम इसे खास बनाता है.

कैसे पहुंचे फतेहपुर सीकरी?
आगरा से फतेहपुर सीकरी की दूरी लगभग 47 किलोमीटर है. यहां जाने के लिए  आगरा से कैब या ऑटो की मदद से आसानी से पहुंचा जा सकता है. बुलंद दरवाजा तक बस की सुविधा भी उपलब्ध है.

अकबर की जीवनी
अकबर का जन्म 15 अक्टूबर 1542 को उमरकोट मौजूदा समय में पाकिस्तान के सिंध प्रांत में स्थित है. अकबर भारत के मुगल सम्राटों में सबसे महान थे. उन्होंने 1556 से 1605 तक शासन किया और भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश हिस्सों में मुगल शक्ति का विस्तार किया. अपने साम्राज्य की एकता को बनाए रखने के लिए, अकबर ने ऐसे कार्यक्रम अपनाए, जिससे उनके राज्य की गैर-मुस्लिम आबादी की वफादारी जीती. उन्होंने अपने केंद्रीय प्रशासन में सुधार किया और उसे मजबूत किया और अपनी फाइनेंसियल सिस्टम भी एकसाथ मिला दिया किया और टैक्स जमा करने की प्रक्रियाओं को शामिल किया.

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