एमपी: CBSE ने जताया विरोध, परिवार पहुंचा हाई कोर्ट, 11 साल के जीनियस की कक्षा 9 में एंट्री

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने 11 वर्षीय छात्र आरव सिंह पटेल को कक्षा नौ में प्रवेश देने का आदेश दिया है. न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की एकलपीठ ने कहा कि छात्र की असाधारण प्रतिभा और शैक्षणिक उपलब्धियां उसकी आयु से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हैं. कोर्ट ने सीबीएसई चेयरमैन और सेंट कान्वेंट स्कूल के प्राचार्य को आरव का अस्थायी प्रवेश (Provisional Admission) देने का निर्देश दिया.
कोर्ट ने आगे आईक्यू टेस्ट करवाने का भी आदेश दिया है, ताकि बालक की मानसिक और शैक्षणिक परिपक्वता का प्रमाण मिले. आदेश के अनुसार प्राचार्य को बालक की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों पर नजर रखनी होगी.
इसके साथ ही तीन विशेषज्ञों का मेडिकल बोर्ड बनाया जाएगा, जिसमें मनोचिकित्सक और एक शैक्षणिक परामर्शदाता शामिल होंगे. आरव उक्त बोर्ड के समक्ष उपस्थित होगा और 15 दिनों में रिपोर्ट सीबीएसई चेयरमैन को सौंपी जाएगी.चेयरमैन रिपोर्ट और बालक के समग्र प्रदर्शन को देखते हुए कक्षा नौ में स्थायी प्रवेश के संबंध में अंतिम निर्णय लेंगे.
क्या है पूरा मामला?
आरव के माता-पिता ने उसकी विलक्षण प्रतिभा को देखते हुए, सीबीएसई द्वारा निर्धारित न्यूनतम आयु सीमा से पहले ही उसका प्रवेश सेंट कान्वेंट स्कूल में करवा दिया था. आरव ने कक्षा एक से आठवीं तक सभी विषयों में ए श्रेणी हासिल की और शैक्षणिक रिकॉर्ड शानदार रहा. इसके बावजूद नौवीं में प्रवेश के समय सीबीएसई ने कम उम्र का हवाला देते हुए प्रवेश देने से इंकार कर दिया.
सीबीएसई ने रोका तो हाई कोर्ट पहुंचा परिवार
माता-पिता ने पहले सीबीएसई से इस मामले पर पुनर्विचार का अनुरोध किया, लेकिन राहत नहीं मिली. इसके बाद मामला हाई कोर्ट तक पहुंच गया. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बालक की प्रतिभा और प्रदर्शन उम्र की सीमाओं से ऊपर है और उसे अवसर देने की जरूरत है.
शिक्षा जगत में चर्चा का विषय बनी आरव की कहानी
आरव की कहानी ने शिक्षा जगत में चर्चा का विषय बना दिया है. कम उम्र में इतनी उत्कृष्ट उपलब्धियां हासिल करना और हाई कोर्ट से राहत पाना, इसे एक प्रेरक उदाहरण बनाता है. इसके साथ ही यह मामला सीबीएसई और स्कूल प्रशासन के लिए भी चेतावनी है कि विशेष प्रतिभा वाले बच्चों के लिए नियमों में लचीलापन बनाए रखा जाए.
आरव फिलहाल अपने अस्थायी प्रवेश के साथ कक्षा नौ की पढ़ाई शुरू करेगा, जबकि अंतिम निर्णय आईक्यू टेस्ट और विशेषज्ञ बोर्ड की रिपोर्ट के बाद लिया जाएगा.
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