'हाफिज सईद और मसूद अजहर का भी हो सफाया', ऑपरेशन सिंदूर के बाद उद्धव ठाकरे के 'सामना' ने कहा, 'पाकिस्तान अब एक राष्ट्र नहीं...'

Operation Sindoor News: 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों को सफलतापूर्वक ध्वस्त किए जाने के बाद शिवसेना-यूबीटी के मुखपत्र 'सामना' ने भारतीय सेना के शौर्य को अपने संपादकीय में सलाम किया है. वहीं पाकिस्तान के संपूर्ण खत्मे को जरूरी बताया है. शिवसेना-यूबीटी ने अपने अखबार के संपादकीय में पाकिस्तान के हुक्मरानों की नीयत पर भी सवाल उठाए हैं. सामना ने पाक के नेताओं से पूछा है कि दुनिया भर के इस्लामिक आतंकवादी पाकिस्तान की शरण में आ जाते हैं और उन्हें पता नहीं चलता, क्या यह संभव है?
शिवसेना-यूबीटी ने अपने अखबार में आगे लिखा है, "पाकिस्तान अब एक राष्ट्र नहीं बल्कि आतंकवादियों की भूमि बन गया है. पाकिस्तान आतंकवादियों को पैदा करने वाली एक फैक्ट्री है. पाकिस्तान दुनिया के लिए बोझ है. अब पाक का पूरी तरह से खात्मा अब जरूरी है. आखिर, कितने निर्दोष नागरिक मारे जाएंगे? कितने चचेरे भाइयों का सफाया होगा? यह सिलसिला अब समाप्त होना चाहिए."
'पायलट और लड़ाकू विमानों का सुरक्षित लौटना चौंकाने वाली घटना'
उद्धव ठाकरे के अखबार ने लिखा, "भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला 'ऑपरेशन सिंदूर' ले लिया है. इंडियन आर्मी के एयर स्ट्राइक्स में जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन के कैंप तबाह कर दिए. इतना ही नहीं, पाकिस्तान की सरकार, आतंकवादियों की आका, पाकिस्तान की प्राचीन सेना छिप गई. इंडियन आर्मी के इस प्रदार्शन से हर भारतीयों का सीना गर्व से चौड़ा हो जाना चाहिए. 'ऑपरेशन सिंदूर' में शामिल सभी 'पायलट' और लड़ाकू विमानों का भारत में सुरक्षित लौट आना चौंकाने वाली घटना है."
पाकिस्तानी शासकों का दोहरा चेहरा बेनकाब- सामना
सामना के संपादकीय में शिवसेना-यूबीटी ने पूछा है कि अमेरिका के कमांडोज ने बिन लादेन को एबटाबाद में मार गिराया था. उसके बाद भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयर स्ट्राइक और अब 'ऑपरेशन सिंदूर' को सफलतापूर्व अंजाम दिया. इन सभी ऑपरेशंस में आतंकी मार गिराए गए या फिर आतंकी लॉन्य पैडों को ध्वस्त किया गया. इसकी पुष्टि पाकिस्तान ने की, लेकिन वहां हुक्मरान ये नहीं बता पाए कि आतंकवादी उनके यहां पहुंच कैसे गए?
आगे लिखा है कि इससे पाकिस्तान नेतृत्वकर्ताओं का दोहरा चरित्र दुनिया के सामने उजागर हो गया है. अब वो किसी सामने अपना मुंह दिखाने लायक नहीं रह गए हैं. भला, ऐसा कैसे हो सकता है कि दुनिया भर के इस्लामिक आतंकवादी पाकिस्तान की शरण में आ जाते हैं, लेकिन इसका उत्तर पाकिस्तान के शासक नहीं दे सकते.
'4 युद्ध हारने के बाद भी पाक सबक लेने को तैयार नहीं '
सामना में कहा गया है कि इससे पहले भी 1948, 1965, 1971 और 1999 के युद्धों में भारत द्वारा पाकिस्तान को धूल चटाने के बाद भी उनकी पूंछ सीधी नहीं हुई. इसके उलट पहलगाम हमले के बाद भारतीय सेना की दुनिया में सर्वश्रेष्ठ होने और संकट के समय राजनीतिक मतभेद भुलाकर देश को एकजुट करने की छवि फिर से उभरी है.
संपादयकीय में ये भी कहा गया है कि भारत बुद्ध की भूमि है, लेकिन अगर कोई हमारे निर्दोष नागरिकों की जान लेता है, तो उसे बुद्ध के सामने झुकना होगा और युद्ध का दंश झेलना होगा, जो लोग सोचते हैं कि भारत को शांति और धैर्य की जगह हमले का फैसला नहीं लेना चाहिए. ऐसे लोगों को उन 26 अभागी बहनों की सूनी हुई भौंहें देखनी चाहिए. अगर पाकिस्तान के पास लड़ने की क्षमता नहीं है तो फिर वो आतंक का सहारा क्यों लेता है? चीन के कहने पर भारत विरोधी कदम क्यों उठाता है?
हाफिज सईद और मसूद अजहर का भी हो सफाया
सच तो यह है कि भारत ने अभी युद्ध की शुरुआत नहीं की है. अभी तो सिर्फ आतंकी ठिकानों पर ही हमले हुए है. पाकिस्तानी नागरिक बस्तियों और सैन्य ठिकानों पर कोई हमला नहीं हुआ. अब तो हाफिज सईद, मसूद अजहर जैसे आतंकियों का संपूर्ण सफाया भारतीय सेना का 'लक्ष्य' होना चाहिए.
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